PMCH चोरौत के डॉक्टर, नर्सेज, आशा और आंगबाड़ी के सदस्यों ने मिलकर सकरम के आंगनवाड़ी केंद्र पर निकला परिवार नियोजन योजना के लिए जागरुकता रैली।
चोरौत:-
सकरम आंगनवाड़ी
सकरम , चोरौत :- देश में बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए हर तरफ से परिवार नियोजन को बढ़ावा दिया जाने लगा है । इसी के तहत 15जनवरी से 31 जनवरी के बीच चलने वाले परिवार नियोजन योजना अभियान के तहत आज सकरम के आंगनवाड़ी केंद्र पर वहां के आशाओ पीएमसीएच के डॉक्टर , केयर इंडिया के सदस्य और आंगनवाड़ी के सेविकाओं और वहां के आम महिलाओं के द्वारा परिवार नियोजन योजना के लिए जागरूकता रैली निकाली गई । लोगों को जागरूक किया गया । रैली की अगुआई केयर इंडिया के ब्लॉक मैनेजर अभिमन्यु कुमार कर रहे थे। मि. अभिमन्यु ने वहां के आशा और सेविका के साथ मिलकर गांव की महिलाओं को संबोधित करते हुए जागरूक किया कि कैसे एक परिवार को एक सुखद परिवार में तब्दील किया जा सकता है । अभिमन्यु जी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मां बनने की जो सबसे सही उम्र है वो है 21 साल , उन्होंने बताया कि परिवार जितना छोटा होगा उतना ही सुखद होगा । उनका कहना था कि बच्चे दो ही अच्छे । क्यूंकि जब परिवार बड़ा हो जाता है तो फ़िर उनका पालन पोषण उस ढंग से नहीं हो पाता जिस हिसाब से होना चाहिए । अभिमन्यु ने बताया कि ये जागरुकता रैली 15 जनवरी से 31 जनवरी तक चलाया जाएगा । इस पूरे 15 दिन के पखवाड़े में रोज अलग अलग गांव में जाकर लोगों को जागरुक किया जाएगा
वहां की आशा और आंगनवाडी केन्द्र की सेविका ने संयुक्त रूप से महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि एक बेहतर परिवार के लिए सबसे पहला जो काम है वो है परिवार नियोजन यानी हम दो हमारे दो
उसके बाद उन्होंने कहां कि इसमें भी कंडीशन है । हमें इन दोनों बच्चो के बीच का जो अंतर है उसे कम से कम तीन साल का अंतर रखना चाहिए । इसका फायदा ये होता है कि जब कोई लड़की मां बनती है तो सबसे ज्यादा तकलीफ़ उस मां को ही होती है । और यदि हम दो बच्चो के बीच के अंतर को 3 साल रखते है तो इसका मतलब है कि हम पूर्ण रूप से विकसित है । इस बीच जो पहला बच्चा है उसे भी एक बेहतर परिवार मिलता है। किसी बच्चे को कम से कम अगर ढाई साल तक मां का दूध मिल जाता है पीने को मतलब वो बच्चा बिल्कुल सही और विकसित हो जाएगा।
अतः आप सभी महिलाओं और समाज के लोगों से निवेदन है कि अच्छे स्वास्थ्य और अच्छे परिवार के लिए जरूरी है कि पहला कदम परिवार नियोजन की तरफ बढ़ाए।
बेटे या फिर बेटी की चाह में परिवार ना बढ़ाए परिवार नियोजन योजना को अपनाए ,
एक सभ्य नागरिक होने की जिम्मेदारी को निभाए , और परिवार नियोजन योजना को अपनाए